विज्ञान वर्ग से बाहरवीं करने के बाद अधिकतर विद्यार्थी BSc Course में एडमिशन लेते है। यहाँ पर हमने BSc क्या है, bsc full form in hindi और बीएससी कोर्स को कैसे करें के बारे में पूरी जानकारी दी है ताकि सभी विद्यार्थियों एवं इस कोर्स के बारे में जानने में उत्सुक लोगों को BSc course details in Hindi के बारे में अच्छे से पता चले।
बैचलर ऑफ साइंस (BSc) भारत में बीए के बाद undergraduation के लिए स्टूडेंट्स द्वारा सबसे ज्यादा किया जाने वाला कोर्स है. विज्ञान वर्ग से 10+2 करने के बाद विद्यार्थी इस कोर्स में एडमिशन ले सकते है. विद्यार्थी यहाँ से BSc Full Form in Hindi और इससे जुड़ी तमाम इन्फॉर्मेशन प्राप्त कर सकते है.
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BSc क्या है – What is BSc Course in Hindi
बीएससी विज्ञान वर्ग से graduation की डिग्री प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला एक कोर्स है। इस कोर्स की अवधि 3 साल होती है। BSc की फुल फॉर्म Bachelor of Science है। इस कोर्स को करने हेतु अभ्यर्थियों को विज्ञान वर्ग से बाहरवीं कक्षा को पास करना जरूरी होता है।
BSc Course को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: बीएससी ऑनर्स एवं बीएससी जनरल (पास कोर्स)।
बीएससी ऑनर्स कोर्स किसी एक प्रमुख विषय (subject) के अध्ययन पर आधारित है। इस कोर्स के syllabus इस प्रकार से बनाया जाता है कि इसमें ऑनर्स सब्जेक्ट पर अधिक ध्यान दिया जाता है हालांकि बीएससी ऑनर्स में अन्य विषय भी सम्मिलित होते है।
वहीं दूसरी ओर, बीएससी जनरल जिसे बीएससी पास कोर्स भी कहा जाता है में सभी मेजर विषयों पर बराबर ध्यान दिया जाता है एवं सभी subjects को एक समान रूप से syllabus में include किया जाता है।
बीएससी पास कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को लगभग 5 subjects पढ़ने होते है जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, हिंदी और इंग्लिश इत्यादि जबकि अगर कोई बीएससी ऑनर्स कर रहा है तो इसमें एक सब्जेक्ट main subject होता है और उसकी ज्यादा किताबें होती है। इसमें एक सब्जेक्ट के पेपर भी ज्यादा होते है।
बीएससी करने वाले स्टूडेंट्स को फाइनेंसियल रूप से सपोर्ट करने के लिए कई प्रकार की स्कॉलरशिप (छात्रवृत्ति) भी प्रदान की जाती है जैसे इंस्पायर स्कॉलरशिप, एचडीएफसी एजुकेशनल क्राइसिस स्कॉलरशिप सपोर्ट (ECSS), प्रमोशन ऑफ साइंस एजुकेशन (POSI) स्कॉलरशिप, किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPI) इत्यादि।
विद्यार्थी इन स्कालरशिप का फायदा उठाकर किसी अच्छे सरकारी/प्राइवेट कॉलेज से बीएससी पास कोर्स / बीएससी ऑनर्स कोर्स को कर सकता है. हालाँकि इन सभी स्कॉलरशिप को पाने के लिए स्टूडेंट्स के लिए एक निर्धारित criteria किया जाता है. उस criteria में आने वाले विद्यार्थी ही इन स्कॉलरशिप को बीएससी कोर्स को करने हेतु पा सकते है.
BSc Full Form in Hindi
BSc साइंस से 12th पास करने के बाद सबसे ज्यादा किया जाने वाला कोर्स है। जो विद्यार्थी BSc करना चाहते है, उन्हें सबसे पहले यह जानना चाहिए कि बीएससी का फुल फॉर्म क्या है ताकि वे समझ सकें कि इसे शॉर्ट में B.Sc क्यों कहते है।
बीएससी का फुल फॉर्म इन हिंदी बैचलर ऑफ साइंस होता है। B.Sc का लैटिन शब्द Baccalaureus Scientiae है। बीएससी डिग्री उन सभी विद्यार्थियों के लिए एक फाउंडेशन कोर्स की तरह है जो विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
B.Sc Full Form – Bachelor of Science
बीएससी ऑनर्स क्या है
बीएससी ऑनर्स एक तीन वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कोर्स है जो किसी एक विषय के अध्ययन पर जोर देता है यानि इसमें physics, chemistry, mathematics, statistics, zoology, botany, etc. में से साइंस के किसी सब्जेक्ट को ज्यादा पढ़ाया जाता है। यदि कोई विद्यार्थी chemistry से बीएससी ऑनर्स कर रहा है तो उसे अपने कोर्स में अधिकतर चीजें केमिस्ट्री की ही पढ़नी होती है।
बीएससी ऑनर्स को अधिकतर उन स्टूडेंट्स द्वारा ज्यादा वरीयता दी जाती है जो graduation के बाद आगे साइंस की ही पढ़ाई जारी रखना चाहते है।
BSc कितने साल की होती है
बीएससी तीन साल की होती है। इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अधिकतर अन्य undergraduate courses की तरह 03 साल तक पढ़ना होता है।
अधिकतर कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में इस कोर्स को सिमेस्टर सिस्टम के आधार पर करवाया जाता है। इसमें हर साल दो सिमेस्टर होते है एवं तीन साल में कुल 6 सिमेस्टर होते है। स्टूडेंट्स को हर सिमेस्टर को पास करने के लिए परीक्षा देनी होती है। इसके अलावा प्रायोगिक विषयों की प्रैक्टिकल कक्षाएं एवं लैब्स भी होती है।
कुछ कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी इस तीन वर्षीय बीएससी कोर्स को वार्षिक प्रक्रिया के आधार पर करवाते है जिसमें साल में सिर्फ एक बार परीक्षाएं होती है। सिमेस्टर सिस्टम की तुलना में वार्षिक परीक्षा वाले बीएससी कोर्स को करना आसान होता है।
बीएससी और बीएससी ऑनर्स में अंतर
बीएससी जनरल और बीएससी ऑनर्स, दोनों तीन वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कोर्स है लेकिन इन कोर्सेज में काफी अंतर होता है. इसे विद्यार्थी नीचे दी गई टेबल के माध्यम से समझ सकते है:
बीएससी | बीएससी ऑनर्स |
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बीएससी जनरल को सामान्यत: सिर्फ बीएससी या बीएससी पास कोर्स कहते है. | बीएससी ऑनर्स को B.Sc (Hons) ही कहते है. |
बीएससी जनरल में किसी एक खास विषय में ध्यान नहीं दिया जाता बल्कि सभी विषयों को एक समान रूप से पढ़ाया जाता है. | बीएससी ऑनर्स किसी एक खास सब्जेक्ट में किया जाता है. जैसे फिजिक्स से बीएससी ऑनर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए कोर्स में अधिकतर चीजें physics की ही पढाई जाएगी. |
इसमें सभी सब्जेक्ट्स के बारे में बेसिक डिटेल्स से बताया जाता है यानि यह साइंस से जुड़े विषयो में फाउंडेशन की तरह होता है. | इस कोर्स में स्टूडेंट्स को subject से जुडी चीजें बेसिक से लेकर एडवांस लेवल तक पढाई जाती है. |
बीएससी ऑनर्स की तुलना में बीएससी जनरल कोर्स में विद्यार्थियों को science field में जॉब के अवसर कम मिलते है. | साइंस फील्ड से जुडी जॉब पाने में यह डिग्री अधिक मायने रखती है. |
सभी sectors में जॉब के ऑप्शन खुले रखने के लिए स्टूडेंट्स BSc General Course कर सकते है. | Scietist, researcher etc. बनने के इच्छुक विद्यार्थियों को अपने interest के अनुसार B.Sc (Hons) करना चाहिए |
बीएससी पास कोर्स की डिग्री बीएससी ऑनर्स की तुलना में कम मूल्य (less value) रखती है. | यह डिग्री बीएससी (सामान्य) की तुलना में अधिक मूल्य (high value) रखती है. |
BSc में एडमिशन कैसे लें
जिन विद्यार्थियों ने PCM, PCB या अन्य किसी सब्जेक्ट combination के साथ बाहरवीं पास की है, वे स्टूडेंट्स जानना चाहते होते कि बीएससी में एडमिशन कैसे लें। इसके लिए हमने पूरी डीटेल नीचे दी हुई है ताकि स्टूडेंट्स को बीएससी कैसे करें के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सकें।
बीएससी कोर्स में admission पाने के इच्छुक छात्रों को किसी भी संस्थान या कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले Eligibility Criteria को पूरा करना आवश्यक है। विद्यार्थी Eligibility Criteria को नीचे लिस्ट में देख सकते है:
- छात्रों को विज्ञान स्ट्रीम के साथ किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12 या इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- विद्यार्थियों के लिए बाहरवीं कक्षा में मिनिमम 50% होना आवश्यक है, हालांकि अलग-अलग कॉलेज/यूनिवर्सिटी में यह सीमा अलग-अलग होती है।
- विद्यार्थियों ने अपने उच्च माध्यमिक स्तर पर गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे मुख्य विषयों का अध्ययन जरूर किया हो।
- आम तौर पर, बीएससी करने के लिए कोई आयु सीमा तय नहीं है लेकिन किसी भी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में बीएससी एडमिशन लेने से पूर्व विद्यार्थी आयु सीमा के बारे में अवश्य जान लें।
उपर्युक्त योग्यताओं के अलावा बीएससी के specific courses में एडमिशन लेने के लिए specific eligibility होना जरूरी है। जैसे यदि कोई विद्यार्थी BSc Mathematics करना चाहता है तो 12th में उसके पास Mathematics का होना जरूरी है। इसी तरह BSc Zoology/Botany में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स के पास बाहरवीं में biology का होना अनिवार्य है अन्यथा admission नहीं मिलेगा।
अधिकतर कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में बीएससी कोर्स में प्रवेश कक्षा 12वीं के प्रतिशत के आधार पर होता है। कुछ विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं।
जिन कॉलेज/यूनिवर्सिटी में एडमिशन कक्षा 12वीं के प्रतिशत के आधार पर होता है, उनमें बीएससी कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को प्रवेश सत्र शुरू होने पर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है. इसके बाद कॉलेज या यूनिवर्सिटी में कोर्स में उपलब्ध सीटों के आधार पर मेरिट लिस्ट को जारी किया जाता है.
इस मेरिट लिस्ट में नाम आने वाले विद्यार्थी बीएससी कोर्स में एडमिशन ले सकते है. जिन विद्यार्थियों का मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आता है, यूनिवर्सिटी/कॉलेज द्वारा अगली मेरिट लिस्ट जारी करने का इंतजार कर सकते है.
जिन कॉलेज/यूनिवर्सिटी में बीएससी कोर्सेज में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है, वहां पर स्टूडेंट्स को पहले प्रवेश परीक्षा के लिए अप्लाई करना होता है. इसके बाद यूनिवर्सिटी/कॉलेज द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है एवं कट ऑफ मार्क्स के आधार पर स्टूडेंट्स को बीएससी में प्रवेश दिया जाता है जैसे भारत की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में बीएससी कोर्स में एडमिशन CUET प्रवेश परीक्षा से मिलता है.
यदि किसी विद्यार्थी का किसी भी सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में बीएससी कोर्स में एडमिशन नहीं होता है, वे स्टूडेंट्स अपने जिले या कस्बे के किसी भी प्राइवेट कॉलेज में बीएससी एडमिशन ले सकते है. 90% से अधिक प्राइवेट कॉलेजों में बीएससी में एडमिशन आसानी से हो जाता है. स्टूडेंट्स को किसी भी प्रवेश परीक्षा या मेरिट लिस्ट का इंतजार नहीं करना पड़ता है.
Important: बीएससी कोर्स को full time के अलावा स्टूडेंट्स द्वारा पार्ट टाइम एवं डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से भी किया जा सकता है. कई कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी द्वारा बीएससी को पार्ट टाइम कोर्स के रूप में करवाया जाता है जहाँ स्टूडेंट्स के पास कोर्स से जुडी बहुत-सी flexibility होती है. डिस्टेंस लर्निंग मोड के द्वारा बीएससी करने के लिए विद्यार्थी IGNOU या अन्य किसी ओपन यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकते है.
बीएससी में कितने पेपर होते है
बीएससी कोर्स में हर साल कम से कम 6 पेपर जरूर होते है हालाँकि यह संख्या हर कॉलेज या यूनिवर्सिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. सेमेस्टर सिस्टम से बीएससी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए हर 6 महीने में परीक्षाएं होती है.
आसान शब्दों में बताएं तो BSc में फर्स्ट ईयर में विद्यार्थी कम से कम 5 विषयों को पढ़ते है। इनमें से 2 अनिवार्य विषय को छोड़कर बाकी विषयों के दो-दो पेपर होते है। कुल मिलाकर बीएससी फर्स्ट ईयर में विद्यार्थियों को 8 पेपर देने होते है.
इसके बाद बीएससी बीए सेकंड ईयर और फाइनल ईयर में अनिवार्य विषयों की परीक्षाएं नहीं होती है तो इन सालों में विद्यार्थियों के हर साल बीएससी के 6 पेपर्स होते है। ध्यान दें की पेपरों की संख्या हर यूनिवर्सिटी/कॉलेज के अनुसार अलग हो सकती है.
यह भी पढ़ें- बीएससी में कितने सब्जेक्ट होते है
B.Sc से क्या होता है
BSc करने विद्यार्थियों को ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है. बीएससी करने के बाद विद्यार्थी चाहें तो किसी जॉब के लिए अप्लाई कर सकता है या बीएससी के बाद मास्टर डिग्री के लिए एमएससी, पीएचडी, या अन्य किसी कोर्स में एडमिशन ले सकता है. बीएससी के बाद विद्यार्थियों के लिए न सिर्फ साइंस के क्षेत्र में बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में अनेकों अवसर खुल जाते है.
डिटेल में कहें तो बैचलर ऑफ साइंस में अपना कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी एमएससी या पीएचडी जैसे कोर्सेज में उच्च शिक्षा के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा जिन अभ्यर्थियों की रूचि मैनेजमेंट कोर्स या अन्य क्षेत्रों में है, वे इस कोर्स को पूरा करने के बाद एमबीए या अन्य कोर्सेज भी कर सकते हैं।
BSc Course Details in Hindi
अब तक आपने जाना कि बीएससी एक 3 साल का यूजी डिग्री कोर्स है जो गणित, भौतिकी, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों से संबंधित है। यह कोर्स मुख्य रूप से उन विद्यार्थियों द्वारा किया जाता है जो विज्ञान और अनुसंधान-उन्मुख कार्यक्रमों में रूचि रखते है। इस कोर्स में स्टूडेंट्स को theoretical एवं practical दोनों तरीकों से सिखाया जाता है।
बीएससी पास कोर्स एवं बीएससी ऑनर्स के बारे में आपने ऊपर जान लिया है लेकिन इसके वाला भी बीएससी के कुछ कोर्सेज होते है. इन बीएससी कोर्सेज के बारे में जानकारी विद्यार्थी नीचे डिटेल में जान सकते है 👇
बीएससी आईटी क्या है: बीएससी आईटी Information Technology के क्षेत्र में undergraduate course करने के इच्छुक विद्यार्थियों को दी जाने वाली एक बैचलर डिग्री है. BSc IT का फुल फॉर्म Bachelor of Science in Information Technology है। आईटी और सॉफ्टवेयर फील्ड में करियर के अवसर तलाशने वाले विद्यार्थी बाहरवीं के बाद बीएससी आईटी कोर्स को कर सकते हैं।
बीएससी एग्रीकल्चर क्या है: बीएससी एग्रीकल्चर चार साल का एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है जो मुख्य रूप से कृषि विज्ञान में अनुसंधान और रिसर्च पर केंद्रित है. इस कोर्स में विद्यार्थियों द्वारा जेनेटिक्स, प्लांट ब्रीडिंग, एग्रीकल्चरल माइक्रोबायोलॉजी, मृदा विज्ञान, प्लांट पैथोलॉजी जैसे विषयों को पढ़ा एवं समझा जाता है।
BSc Agriculture कृषि विज्ञान के क्षेत्र में यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त एक पेशेवर डिग्री है एवं इस कोर्स को देशभर के विभिन्न कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटिज में करवाया जाता है। इसका उद्देश्य वास्तविक दुनिया के परिदृश्य में आधुनिक कृषि तकनीकों और प्रौद्योगिकियों को लागू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना है।
बीएससी कंप्युटर साइंस क्या है: बीएससी कंप्यूटर साइंस तीन साल का एक अंडरग्रेजुएट कार्यक्रम है और इसे विशेष रूप से कंप्यूटर एवं प्रोग्रामिंग में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। Bachelor of Science in Computer Science यानि BSc Computer Science को शॉर्ट में BSc CS भी कहते है।
इस कोर्स में कंप्यूटर के बुनियादी बुनियादी सिद्धांतों से लेकर डेटाबेस सिस्टम और प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे सी++, जावा, पाईथन आदि जैसे उन्नत पाठ्यक्रमों तक कंप्यूटर के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
अगर किसी विद्यार्थी का बीएससी क्या होता है, इसमें एडमिशन कैसे लें एवं बीएससी कोर्स से जुड़ा अन्य कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताएं। आपके सभी प्रश्नों या सवालों का हमारी तरफ से स्वागत है।
FAQs about B.Sc Course
बीएससी का फुल फॉर्म “बैचलर ऑफ साइंस” है। हिंदी में इसे विज्ञान वर्ग से स्नातक होना कहते है।
बैचलर ऑफ़ साइंस का मतलब विज्ञान वर्ग के विषयों जैसे केमिस्ट्री, फिज़िक्स, बायोलॉजी/मैथमेटिक्स के साथ ग्रेजुएशन करना है.
बैचलर ऑफ साइंस यानि बीएससी कोर्स की फीस हर कॉलेज, संस्थान या यूनिवर्सिटी में भिन्न होती है लेकिन सामान्यत: यह ₹20,000 – ₹1,00,000 के बीच होती है. कुछ कॉलेजों/संस्थानों में इससे ज्यादा भी हो सकती है.
BSc का कोर्स दो साल का होता है।
बीएससी करने के बाद विद्यार्थी अन्य कोर्स जैसे एमएससी, पीएचडी करके वैज्ञानिक, प्रोफेसर, व्याख्याता, जैसी साइंस के क्षेत्र से जुड़ी कई प्रकार की जॉब्स पा सकता है. साथ ही विद्यार्थी बीएससी के बाद अन्य रिलेवेंट स्किल्स से Management, Banking, Finance, Fashion, Law and Journalism से क्षेत्रों से भी जुड़ सकता है.
बीएससी में विद्यार्थी Physics, Chemistry, Mathematics, Biology, Maths, Agriculture and Computer Science etc सब्जेक्ट्स में से जिन भी विषयो का चयन किया है, उनके बेसिक से लेकर काफी एडवांस तक थ्योरी एवं प्रैक्टिकल को पढता है.
अभ्यर्थी बीएससी करने के बाद Research Scientist, Clinical Research Specialist, Lab Technician, Biochemist, Lab Assistant, Assistant Nurse, IT/Technical Expert की नौकरी पा सकते है. इसके अलावा स्टूडेंट्स बीएससी के बाद उन सभी जॉब्स को पाने के लिए योग्य होते है जिनमें योग्यता के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत होती है.
हाँ, बीएससी करने के बाद विद्यार्थी साइंस फील्ड से एमएससी या अन्य कोर्स करने की बजाय एमए (मास्टर ऑफ़ आर्ट्स) कर सकता है।
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